संचार का अर्थ, परिभाषा और प्रकार
संचार (Communication)-
जिस तरह से प्राणवायु के बिना मनुष्य जिंदा नहीं रह सकता ठीक उसी तरह संचार के बिना जीवन संभव नहीं है। मनुष्य कुछ सोचता है वह भी संचार है। आदमी भोजन करना तभी पसंद करता है जब उसे भूख की अनुभूति होती है। भूख की अनुभूति भी संचार है। दरअसल मनुष्य रात को सपना देखता है या कुछ अपने में विचार करता है उस दौरान वह व्यक्ति खुद से संचार करता है।

संचार का सामान्य अर्थ किसी सूचना या संदेश को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाना या सम्प्रेषित करना है। शाब्दिक अर्थ की आगर बात करें तो संचार अंग्रेजी के Communication शब्द का हिन्दी अनुवाद है। जो लैटिन भाषा के Communis शब्द से बना है, इसका अर्थ होता है सामान्य (Commun).
संचार शब्द के तात्पर्य की बात करें तो सूचना देने वाले संचारक (Sender) और सूचना ग्रहण करने वाले प्रापक (Receiver) के मध्य उभयनिष्ठता स्थापित करने से है।
दूसरे शब्दों में संचार एक ऐसी कला है जिससे एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के विचारों, भावनाओं में सहभागी बनता है।
संचार को कई विशेषज्ञों ने परिभाषित करने की कोशिस की है, लेकिन किसी एक परिभाषा पर सर्वसम्मत नहीं बन सकी है। कुछ प्रचलित परिभाषाएं निम्न हैं.
संचार की परिभाषा
जब दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में कुछ सार्थक चिह्नों, संकेतों या प्रतीकों के माध्यम से विचारों या भावनाओं का आदान-प्रदान करते हैं तो उसे संचार कहते हैं।
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार- विचारों, जानकारी वगैरह का विनिमय, किसी और तक पहुंचाना या बांटना, चाहे वह लिखित, मौखिक या सांकेतिक हो, संचार है।
चार्ल्स ई. ऑसगुड के अनुसार- आम तौर पर संचार तब होता है, जब एक सिस्टम या स्रोत किसी दूसरे या गंतव्य को विभिन्न प्रकार के संकेतों के माध्यम से प्रभावित करें ।
लुईस ए. एलेन के अनुसार- संचार उन सभी क्रियाओं का योग है जिनके द्वारा एक व्यक्ति दूसरे के साथ समझदारी स्थापित करना चाहता है। संचार अर्थों का एक पुल है। इसमें कहने, सुनने और समझने की एक व्यवस्थित तथा नियमित प्रक्रिया शामिल है।
कैथ डैविस के अनुसार- एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को सूचना भेजने तथा समझने की विधि है। यह आवश्यक तौर पर लोगों में अर्थ का एक पुल है। पुल का प्रयोग करके एक व्यक्ति आराम से गलत समझने की नदी को पार कर सकता है।
ऐलन के अनुसार- संचार से तात्पर्य उन समस्त तरीकों से है, जिनको एक व्यक्ति अपनी विचारधारा को दूसरे व्यक्ति की मस्तिष्क में डालने या समझाने के लिए अपनाता है। यह वास्तव में दो व्यक्तियों के मस्तिष्क के बीच की खाई को पाटने वाला सेतु है। इसके अंतर्गत् कहने, सुनने तथा समझने की एक वैज्ञानिक प्रक्रिया सदैव चालू रहती है।
मैकडेविड और हरारी के अनुसार- मनोवैज्ञानिक दृष्टि से संचार से तात्पर्य व्यक्तियों के बीच विचारों और अभिव्यक्तियों के आदान-प्रदान से है।
क्रच एवं साथियों के अनुसार- किसी वस्तु के विषय में समान या सहभागी ज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रतीकों का उपयोग ही संचार है। यद्यपि मनुष्यों में संचार का महत्वपूर्ण माध्यम भाषा ही है, फिर भी अन्य प्रतीकों का प्रयोग हो सकता है।
संचार प्रक्रिया में शामिल लोगों की संख्या के आधार पर संचार मुख्यत: चार प्रकार का होता है :-
- अंत: वैयक्तिक संचार (Intrapersonal Communication)
- अंतर वैयक्तिक संचार(Interpersonal Communication)
- समूह संचार (Group communication)
- जनसंचार (Mass Communication)
1. अंत: वैयक्तिक संचार (Intrapersonal Communication):– यह संचार की वह प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति खुद से संचार करता है अथार्त इसकी परिधि में व्यक्ति स्वयं होता है। दरअसल यह एक मनोवैज्ञानिक क्रिया है जिसमें मानव व्यक्तिगत चिंतन-मनन करता है। इसमें संचारक और प्रापक दोनों की भूमिका एक ही व्यक्ति को निभानी पड़ती है। अगर कोई व्यक्ति स्वप्न देखता है या कुछ सोचता है तो वही भी अंत:वैयक्तिक संचार के अंतर्गत आता है। इसके अंतर्गत् मानव अपनी केंद्रीय स्नायु-तंत्र (Central Nervous System) तथा बाह्य स्नायु-तंत्र (Perpheral Nervous System) का प्रयोग करता है। केंद्रीय स्नायु-तंत्र में मस्तिष्क आता है, जबकि बाह्य स्नायु-तंत्र में शरीर के अन्य अंग। हम यह कह सकते हैं कि जो व्यक्ति अंत:वैयक्तिक संचार नहीं करता है वो पागल है।
विशेषताएं : अंत: वैयक्तिक संचार की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं :-
1. इससे मानव स्वयं को संचालित करता है तथा अपने जीवन की योजनाओं को तैयार करता है।
2.मानव सुख-दुख का एहसास करता है।
3.अपने जीवन के लिए उपयोगी तथा आवश्यक आयामों का आविष्कार करता है,
4.दिल और दिमाग पर नियंत्रण रखता है, और
5.फीडबैक व्यक्त करता है।
2.मानव सुख-दुख का एहसास करता है।
3.अपने जीवन के लिए उपयोगी तथा आवश्यक आयामों का आविष्कार करता है,
4.दिल और दिमाग पर नियंत्रण रखता है, और
5.फीडबैक व्यक्त करता है।
2. अंतर वैयक्तिक संचार(Interpersonal Communication)
संचार की वह प्रक्रिया जिसमें 2 लोग शामिल होते हैं। जब 2 लोग आपस में भावनाओं और विचारों का आदान प्रदान करते हैं तो उसे अंतरवैयक्तिक संचार कहते हैं। यह आमने-सामने होता है। यह दो-तरफा (Two-way) प्रक्रिया है। यह कहीं भी स्वर, संकेत, शब्द, ध्वनि, संगीत, चित्र, नाटक इत्यादि के रूप में हो सकता है। इसमें फीडबैक तुरंत और सबसे बेहतर मिलता है। उदाहरण के तौर पर किस मासूम बच्चा को ही ले लीजिए, जो नवजात से जैसे-जैसे बड़ा होता है, वैसे-वैसे समाज के सम्पर्क में आता है और अंतर वैयक्तिक संचार को अपनाने लगता है। माता-पिता के बुलाने पर उसका हंसना, बोलना या भागना अंतर वैयक्तिक संचार का प्रारंभिक उदाहरण है। इसके बाद वह ज्यों-ज्यों किशोरावस्था की ओर बढ़ता है, त्यों-त्यों भाषा, परम्परा, अभिवादन आदि अंतर वैयक्तिक संचार प्रक्रिया से सीखने लगता है। पास-पड़ोस के लोगों से जुडऩे में भी अंतर वैयक्तिक संचार की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। साक्षात्कार, कार्यालयी वार्तालॉप, समाचार संकलन इत्यादि अंतर वैयक्तिक संचार का उदाहरण है।
विशेषताएं : अंतर वैयक्तिक संचार बेहद आंतरिक संचार है, जिसके कारण
(1) फीडबैक तुरंत तथा बेहतर मिलता है।
(2) बाधा आने की संभावना कम रहती है।
(3) संचारक और प्रापक के मध्य सीधा सम्पर्क और सम्बन्ध स्थापित होता है।
(4) संचारक के पास प्रापक को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त अवसर होता है।
(5) संचारक और प्रापक शारीरिक व भावनात्मक दृष्टि से एक-दूसरे के करीब होते हैं।
(6) किसी बात पर असहमति की स्थिति में प्रापक को हस्तक्षेप करने का मौका मिलता है।
(7) प्रापक के बारे में संचारक पहले से बहुत कुछ जानता है।
(8) संदेश भेजने के अनेक तरीके होते हैं। जैसे- भाषा, शब्द, चेहरे की प्रतिक्रिया, भावभंगिमा, हाथ पटकना, आगे-पीछे हटना, सिर झटकना इत्यादि।
3. समूह संचार (Group Communication)- नाम से ही स्पष्ट है कि वह संचार जो समूह में किया जाता है समूह संचार कहलाता है। समूह संचार को समझने के लिए आइए सबसे पहले आपको बताते हैं कि समूह क्या है? मनुष्य अपने जीवन में किसी समूह का सदस्य अवश्य होता है। अपनी आवश्यकतओं की पूर्ति के लिए नये समूहों का निर्माण भी करता है। समूहों से पृथक होकर मानव अलग-थलग पड़ जाता है। समूह में जहां व्यक्तित्व का विकास होता है, वहीं सामाजिक प्रतिष्ठा बनती है। समूह के माध्यम से एक पीढ़ी के विचार दूसरे पीढ़ी तक स्थानांतरित होता है। जब कुछ लोग किस उद्देश्य के लिए एक-दूसरे से पारस्परिक सम्पर्क बनाते हैं और एक दूसरे को जानते पहचानते हैं तो उसे एक समूह कहते हैं।
अत: जब 2 से अधिक व्यक्ति आपस में भावनाओं और विचारों का आदान प्रदान करते हैं तो उसे समूह संचार कहते हैं। उदाहरण के लिए क्लासरूम में पढ़ाई, एक साथ किसी बात पर हंसना, कवि सम्मेलन, भाषण यह सब समूह संचार का ही उदाहरण है।
अत: जब 2 से अधिक व्यक्ति आपस में भावनाओं और विचारों का आदान प्रदान करते हैं तो उसे समूह संचार कहते हैं। उदाहरण के लिए क्लासरूम में पढ़ाई, एक साथ किसी बात पर हंसना, कवि सम्मेलन, भाषण यह सब समूह संचार का ही उदाहरण है।
विशेषताएं : समूह संचार में :-
1.प्रापकों की संख्या निश्चित होती है, सभी अपनी इच्छा व सामर्थ के अनुसार सहयोग करते हैं,
2. सदस्यों के बीच समान रूप से विचारों, भावनाओं का आदान-प्रदान होता है,
3. संचारक और प्रापक के बीच निकटता होती है,
4. विचार-विमर्श के माध्यम से समस्याओं का समाधान किया जाता है,
5. संचारक का उद्देश्य सदस्यों के बीच चेतना विकसित कर दायित्व बोध कराना होता है,
6. फीडबैक समय-समय पर सदस्यों से प्राप्त होता रहता है, और
7. समस्या के मूल उद्देश्यों के अनुरूप संदेश सम्प्रेषित किया जाता है।
2. सदस्यों के बीच समान रूप से विचारों, भावनाओं का आदान-प्रदान होता है,
3. संचारक और प्रापक के बीच निकटता होती है,
4. विचार-विमर्श के माध्यम से समस्याओं का समाधान किया जाता है,
5. संचारक का उद्देश्य सदस्यों के बीच चेतना विकसित कर दायित्व बोध कराना होता है,
6. फीडबैक समय-समय पर सदस्यों से प्राप्त होता रहता है, और
7. समस्या के मूल उद्देश्यों के अनुरूप संदेश सम्प्रेषित किया जाता है।
4. जनसंचार (Mass Communication)- जनसंचार 2 शब्दों से मिलकर बना है। जन+संचार के योग से हुआ है। जन का अर्थ भीड़ होता है। समूह संचार का वृहद रूप है- जनसंचार। जिस तरह से न्यूज पेपर, रेडियो, टेलीविजन, केबल, इंटरनेट, वेब पोर्टल्स का प्रयोग बढ़ता गया, ठीक उसी तरह जनसंचार के क्षेत्र का विस्तार होता गया।
जनसंचार को अंग्रेजी भाषा Mass Communication कहते हैं, जिसका अभिप्राय बिखरी हुई जनता तक संचार माध्यमों की मदद से सूचना को पहुंचाना है। समाचार पत्र, टेलीविजन, रेडियो, सिनेमा, केबल, इंटरनेट, वेब पोर्टल्स इत्यादि अत्याधुनिक संचार माध्यम हैं। जनसंचार का अर्थ विशाल जनसमूह के साथ संचार करने से है। दूसरे शब्दों में, जनसंचार वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा बहुल रूप में प्रस्तुत किए गए संदेशों को जन माध्यमों के जरिए एक-दूसरे से अंजान तथा विषम जातीय जनसमूह तक सम्प्रेषित किया जाता है।
जनसंचार की निम्नलिखित विशेषताएं निम्नलिखित हैं :-
1. विशाल भू-भाग में रहने वाले प्रापकों से एक साथ सम्पर्क स्थापित होता है,
2. समस्त प्रापकों के लिए संदेश समान रूप से खुला होता है,
3. संचार माध्यम की मदद से संदेश का सम्प्रेषण किया जाता है,
4. सम्प्रेषण के लिए औपचारिक व व्यवस्थित संगठन होता है,
5. संदेश सम्प्रेषण के लिए सार्वजनिक संचार माध्यम का उपयोग किया जाता है,
6. प्रापकों के विजातीय होने के बावजूद एक ही समय में सम्पर्क स्थापित करना संभव होता है,
7. संदेश का यांत्रिक रूप से बहुल संख्या में प्रस्तुतिकरण या सम्प्रेषण होता है, तथा
8. फीडबैक संसंचारक के पास विलम्ब से या कई बार नहीं भी पहुंचता है।
2. समस्त प्रापकों के लिए संदेश समान रूप से खुला होता है,
3. संचार माध्यम की मदद से संदेश का सम्प्रेषण किया जाता है,
4. सम्प्रेषण के लिए औपचारिक व व्यवस्थित संगठन होता है,
5. संदेश सम्प्रेषण के लिए सार्वजनिक संचार माध्यम का उपयोग किया जाता है,
6. प्रापकों के विजातीय होने के बावजूद एक ही समय में सम्पर्क स्थापित करना संभव होता है,
7. संदेश का यांत्रिक रूप से बहुल संख्या में प्रस्तुतिकरण या सम्प्रेषण होता है, तथा
8. फीडबैक संसंचारक के पास विलम्ब से या कई बार नहीं भी पहुंचता है।

Very good work keep it up
जवाब देंहटाएंFor more
https://www.naukari9.com/2018/08/communication-and-mass-communication.html?m=1
Bhaut acha
जवाब देंहटाएंNyc
जवाब देंहटाएंGreat
जवाब देंहटाएंUsefull
जवाब देंहटाएंThanks
जवाब देंहटाएंSimple definition..
जवाब देंहटाएंVery good work
Easy to read...
Sanketik sanchar kise khte h
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया👏✊👍
जवाब देंहटाएंBhut bdiya
जवाब देंहटाएंI learned a lot about communication.
जवाब देंहटाएंThanks a lot!
Thank you. sir
जवाब देंहटाएंSare word easily samajh me aa rhe hai good work
जवाब देंहटाएंMaine bahut seekha hai
जवाब देंहटाएंAp ka bahut bahut dhanyawad
Thank u soo much for this information
जवाब देंहटाएं👍👍👌👌👏👏
जवाब देंहटाएंWow so good
जवाब देंहटाएंSo very nice
जवाब देंहटाएंCommunication
जवाब देंहटाएंNice sir
जवाब देंहटाएंहैलो
जवाब देंहटाएंVery good
जवाब देंहटाएंVery good
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