सोमवार, 13 मई 2013

समाचार पत्र का पंजीकरण


समाचार पत्र का पंजीकरण
समाचार पत्र के प्रथम अंक के प्रकाशन के बाद, आर.एन.आई. से समाचारपत्र को
पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने का अनुरोध अवश्‍य कि‍या जाना चाहि‍ए । समाचार पत्रों/पत्रि‍काओं के पंजीकरण के लि‍ए जांच सूची/दि‍शा नि‍र्देश नि‍म्‍नलि‍खि‍त हैं :
1. आवश्‍यक दस्‍तावेज
(क) आर.एन.आई. द्वारा जारी शीर्षक सत्‍यापन पत्र की फोटोकापी ।
(ख) डी.एम./ए.डी एम/डी सी पी/सी एम एम/एस डी एम द्वारा प्रपत्र‑। में नि‍र्दिष्‍ट(देखें नि‍यम‑3) 
प्रमाणीकृत घोषणा की सत्‍यापि‍त प्रति‍ ।
(ग) प्रथम अंक में खंड‑1 और अंक­‑1 का उल्‍लेख करें !
(घ) नि‍र्धारि‍त प्रपत्र में ‘ कोई वि‍देशी बंधन नहीं ‘ के लि‍ए प्रकाशक का शपथ पत्र(देखें परि‍शि‍ष्‍ट‑IV) ।
2. यदि‍ मुद्रक और प्रकाशक भि‍न्‍न हों तो अलग घोषणा दाखि‍ल करनी होगी ।
3. प्रथम अंक में स्‍पष्‍ट रूप से खंड‑। और अंक‑1, दि‍नांक‑रेखा,पृष्‍ठसंख्‍या और प्रकाशन के शीर्षक
का उल्‍लेख होना चाहि‍ए ।
4. घोषणा के प्रमाणीकरण की ति‍थि‍ से छह सप्‍ताह की अवधि‍ के भीतर (दैनिक‍/साप्‍ताहि‍क के 
लि‍ए) और तीन महीने के भीतर(अन्‍य अवधि‍यों वाले प्रकाशनों के लि‍ए) प्रकाशन प्रकाशि‍त हो जाना चाहि‍ए ।
5. इंम्‍प्रिं‍ट लाइन में(क) प्रकाशक का नाम(ख) मुद्रक का नाम,(ग) स्‍वामी का नाम,(घ) मुद्रणालय का नाम व पूरा पता,(ड.) प्रकाशन का स्‍थान व पता,और (च) सम्‍पादक का नाम शामि‍ल होना चाहि‍ए ।
2.11.2 यदि‍ उचि‍त जांच पड़ताल के पश्‍चात आवेदन संतोषजनक पाया जाता है तो प्रेस पंजीयक अपने 
यहां रखे गए रजि‍स्‍टर में समाचार पत्र के वि‍वरण दर्ज करेगा और प्रकाशक को पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करेगा ।
2.11 नई घोषणा करने पर नया/संशोधि‍त प्रमाण पत्र ले लें
2.12.1 जब भी कभी पैरा 2.6.1 के (क) से (ज) में उल्‍लि‍खि‍त परि‍स्‍थि‍ति‍यों में नई घोषणा की जाती है 
,तो संशोधि‍त पंजीकरण प्रमाण पत्र के लि‍ए प्रेस पंजीयक को आवेदन करना आवश्‍यक होगा । लेकि‍न यदि‍ नई घोषणा पैरा 2.6.1 के (झ) से (ड) में उल्‍लि‍खि‍त परि‍स्‍थि‍ति‍यों के अंतर्गत की गई हो तो संशोधि‍त प्रमाणपत्र जरूरी नहीं होगा । आवश्‍यक दस्‍तावेज नि‍म्‍नानुसार हैं :
(क) सम्‍बद्द मजि‍स्‍ट्रेट द्वारा प्रमाणीकृत नई घोषणा की सत्‍यापि‍त फोटोकापी, जि‍समें 
परि‍वर्तन(परि‍वर्तनों) का उल्‍लेख होगा ।
(ख) प्रकाशन के नवीनतम अंक की प्रति‍, जि‍समें सही इम्‍प्रिं‍ट लाइन,प्रकाशन का नाम तथा 
दि‍नांक रेखा हर पृष्‍ठ पर मुद्रि‍त हो ।
(ग) आर.एन.आई. कार्यालय द्वारा जारी मूल पंजीकरण प्रमाणपत्र ।
(घ) यदि‍ मूल पंजीकरण प्रमाणपत्र खो गया हो, नष्‍ट हो गया हो, चोरी चला गया हो, तो 
मजि‍स्‍ट्रेट द्वारा हस्‍ताक्षरि‍त शपथपत्र तथा उसके साथ आर.एन.आई. के नाम पर 5 रूपए का भारतीय पोस्‍टल आर्डर देना होगा ।
(ड.) स्‍वामि‍त्‍व के परि‍वर्तन की स्‍थि‍ति‍ में सम्‍बद्द मजि‍स्‍ट्रेट द्वारा प्रमाणीकृत स्‍वामि‍त्‍व सम्‍बन्‍धी 
अंतरण‑पत्र (ट्रांसफर डीड) की सत्‍यापि‍त फोटोकापी भी प्रस्‍तुत करनी होगी ।
(च) प्रकाशन के शीर्षक/भाषा के परि‍वर्तन की स्‍थि‍ति‍ में शीर्षक सत्‍यापन पत्र की एक प्रति‍ 
प्रस्‍तुत करनी होगी ।
2.13 प्रमाण पत्र खो गया है ? डुप्‍लि‍केट प्रमाण पत्र ले लें
2.13.1 जब मूल पंजीकरण प्रमाण पत्र खो जाए या खराब हो जाए या चोरी चला जाए तथा ऐसी 
परि‍स्‍थि‍ति‍ न हो, जि‍समें ऊपर बताए अनुसार नई घोषणा की जा सकती हो तो डुप्‍लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करने के लि‍ए प्रेस पंजीयक को आवेदन दि‍या जा सकता है, जि‍सके साथ एक अलग पृष्‍ठ पर पूरा वि‍वरण देना होगा । कृपया ध्‍यान रखें यदि‍ प्रमाण पत्र खो गया है या चोरी चला गया है, तो पुलि‍स द्वारा दर्ज की गई प्राथमि‍की की एक प्रति‍ या पुलि‍स की मुहर लगी शि‍कायत की एक प्रति‍ जैसा पर्याप्‍त दस्‍तावेजी सबूत प्रस्‍तुत करना जरूरी होगा , जो दर्शाए कि‍ मामला सम्‍बद्द पुलि‍स अधि‍कारि‍यों को सूचि‍त कर दि‍या गया है । वांछि‍त दस्‍तावेज नि‍म्‍नानुसार हैं:
(क) नोटरी या सम्‍बद्द मजि‍स्‍ट्रेट द्वारा उसके हस्‍ताक्षर व कार्यालय मुहर के साथ प्रमाणीकृत इस
आशय का एक शपथपत्र ।
(ख) सम्‍बद्द मजि‍स्‍ट्रेट द्वारा प्रमाणीकृत नवीनतम घोषणा की सत्‍यापि‍त फोटोकापी ।
(ग) सही इम्‍प्रिं‍ट लाइन सहि‍त प्रकाशन के नवीनतम अंक की एक प्रति‍ 1
(घ) आर.एन.आई. के नाम पर 5 रूपए का भारतीय पोस्‍टल आर्डर ।
(ड.) ‘ कोई वि‍देशी बंधन नहीं ‘ के लि‍ए एक शपथ पत्र (देखें परि‍शि‍ष्‍ट‑।V)
प्रकाशक द्वारा भेजी जाने वाली
नि‍यत कालि‍क सूचना/रि‍टर्न

1. प्रपत्र ‑II में वार्षि‍क वि‍वरण (देखें नि‍यम 6(i)
2. प्रपत्र‑IV में समाचारपत्र के स्‍वामि‍त्‍व का तथा अन्‍य वि‍वरण(देखें नि‍यम 8)
3. परि‍शि‍ष्‍ट‑ VIII के अनुसार दैनि‍क प्रेस का वि‍वरण
4. आयाति‍त अखबारी कागज का इस्‍तेमाल करने वाले प्रकाशक को परि‍शि‍ष्‍ट‑IX के 
अनुसार आयाति‍त अखबारी कागज की खरीद और खपत के बारे में भी रि‍टर्न भरनी होगी । 

3.1 अखबारी कागज़
3.1.1 इनमें से एक भारत सरकार की अखबारी कागज की नीति‍ के बारे में है । सरकार की वर्तमान 
नीति‍ इस प्रकार है:

क) अखबारी कागज के वार्षि‍क स्‍वदेशी उत्‍पादन का कम से कम एक ति‍हाई हि‍स्‍सा,छोटे और 
मझौले समाचारपत्रों के लि‍ए आरक्षि‍त रखा जाएगा ।
ख) वास्‍तवि‍क उपभोक्‍ताओं को अखबारी कागज के आयात की अनुमति‍ है 1
3.1.2 छोटे या मझौले ? आपको स्‍वदेशी अखबारी कागज मि‍ल सकता है 
3.1.3 अखबारी कागज नीति‍ के उदेश्‍य के लि‍ए, उन समाचार पत्रों को छोटा और मझौला समाचारपत्र माना गया है, जि‍नकी अखबारी कागज की वार्षि‍क खपत 200 मीटरी टन से अधि‍क नहीं है । वर्तमान में स्‍वदेशी अखबारी कागज प्राय: उपलब्‍ध है तथा छोटे व मझौले समाचार पत्रों को इस सम्‍बन्‍ध में कोई समस्‍या नहीं होगी । फि‍र भी, यदि‍ आवश्‍यक हो, तो इस श्रेणी के समाचार पत्र,आर.एन.आई. से ‘ पात्रता प्रमाण पत्र ‘ के लि‍ए आवेदन कर सकते हैं, जो परि‍शि‍ष्‍ट में दि‍ए गए प्रपत्र में दि‍या गया है जि‍सके आधार पर वे अनुसूचि‍त कागज कारखानों से स्‍वदेशी अखबारी कागज प्राप्‍त कर सकेंगे ।
3.1.4 पर्याप्‍त नहीं ? आप अखबारी कागज आयात कर सकते हैं 
3.1.5 सरकार की वर्तमान नीति‍, वाणि‍ज्‍य मंत्रालय की अधि‍सूचना दि‍नांक 5.3.1997 तथा सूचना एवं प्रसारण
मंत्रालय की सार्वजनि‍क सूचना दि‍नांक 26‑3‑98 में प्रस्‍तुत की गई है । इसके अनुसार प्रत्‍येक पंजीकृत समाचार पत्र अखबारी कागज का आयात कर सकता है । इसके लि‍ए, समाचार पत्र के प्रकाशक/स्‍वामी को समाचार पत्र के पंजीयन प्रमाण पत्र को आर.एन.आई. से प्रमाणीकृत कराना होगा, जि‍सके आधार पर आयात की अनुमति‍ प्रदान की जाएगी । इस प्रयोजन के लि‍ए परि‍शि‍ष्‍ट‑VI में दि‍ए गए प्रपत्रों में आवेदन दि‍ए जा सकते हैं । आवेदन के साथ (क) समाचारपत्र के नवीनतम पंजीकरण प्रमाणपत्र की दो प्रति‍यां (ख) पि‍छले कैलेंडर वर्ष के लि‍ए वार्षि‍क वि‍वरण की सत्‍यापि‍त प्रति‍, और (ग)आवेदन की ति‍थि‍ से पि‍छले 12 महीनों के प्रत्‍येक महीने के लि‍ए एक‑एक नमूना अंक भेजने होंगे । लेकि‍न उन समाचारपत्रों को जि‍नकी शुरूआत और पंजीकरण के बाद एक वर्ष पूरा न हुआ हो,उन्‍हें ऊपर(ख)और(ग) में नि‍र्दि‍ष्‍ट दस्‍तावेज भेजने की आवश्‍यकता नहीं है । ऐसे मामलों में (क) में नि‍र्दि‍ष्‍ट दस्‍तावेजों के अलावा,प्रकाशन के प्रत्‍येक पूर्ण महीने का नमूना अंक प्रस्‍तुत कि‍या जाना चाहि‍ए ।
4.2 वार्षि‍क वि‍वरण 
प्रत्‍येक प्रकाशक को समाचार पत्र के बारे में एक वार्षि‍क वि‍वरण प्रेस पंजीयक को भेजना होगा । यह वि‍वरण, समाचार पत्र पंजीकरण(केन्‍द्रीय)नि‍यम,1956 की अनुसूची के प्रपत्र ।। में देना होगा । देखें नि‍यम 6(i) ।
4.2.2 कैलेंडर वर्ष के अनुसार भेजे जाने वाले यह वि‍वरण अगले वर्ष के फरवरी माह के अंति‍म दि‍वस 
से पहले/तक पहुंच जाना चाहि‍ए ।
4.2.3 जहां समाचार पत्र की प्रसार संख्‍या,प्रति‍ प्रकाशन दि‍वस 2000 से अधि‍क हो, वहां वार्षि‍क वि‍वरण 
के साथ नि‍र्धारि‍त प्रपत्र के नीचे खंड‑ख के अनुसार चार्टर्ड एकाऊटेंट या योग्‍यता प्राप्‍त लेखा परीक्षक का प्रमाण पत्र प्रस्‍तुत करना होगा ।
4.2.4 समय से वार्षि‍क वि‍वरण दाखि‍ल न करने पर पी आर बी अधि‍नि‍यम के अंतर्गत दंडात्‍मक कार्रवाई की जा सकती है ।
(टि‍प्‍पणी: प्रेस पंजीयक को हर वर्ष देश में समाचार पत्रों की स्‍थि‍ति‍ के बारे में एक रि‍पोर्ट सरकार को देनी 
होती है ,जो प्राय: प्रकाशकों से प्राप्‍त वार्षि‍क वि‍वरण के आधार पर होती है । इसलि‍ए ,समाचार पत्र प्रकाशक,कृपया प्रपत्र ।। में अपने वार्षि‍क वि‍वरण की सम्‍पूर्ण व सही‑सही जानकारी दें (देखें नि‍यम 6(।) । दैनि‍क समाचारपत्रों द्वारा परि‍शि‍ष्‍ट‑VIII में दि‍ए अनुसार एक वि‍वरण भी देना होगा । )
4.3 स्‍वामि‍त्‍व वि‍वरण
4.3.1 प्रत्‍येक वर्ष फरवरी के अंति‍म दि‍न के बाद नि‍कलने वाले प्रथम अंक में समाचार पत्र के 
स्‍वामि‍त्‍व तथा अन्‍य सम्‍बन्‍धि‍त वि‍वरण प्रकाशि‍त कि‍या जाना चाहि‍ए । वि‍वरण समाचार पत्र पंजीकरण(केन्‍द्रीय)नि‍यम,1956 की अनुसूची में दि‍ए गए प्रपत्र IV में देना होगा(देखें नि‍यम 8) ।
4.5 क्‍या आपने अखबारी कागज आयात कि‍या है ? रि‍टर्न भरि‍ए !!!
4.5.1 समाचार पत्र के प्रकाशक/स्‍वामी को 30 सि‍तम्‍बर को समाप्‍त छमाही की 
अर्ध‑वार्षि‍क रि‍टर्न और 31 मार्च को समाप्‍त वर्ष की वार्षि‍क रि‍टर्न क्रमश: 31 अक्‍टूबर और 30 अप्रैल तक भेजनी होगी, जि‍समें सम्‍बद्व अवधि‍यों में खरीदी तथा उपयोग की गई आयाति‍त अखबारी कागज की मात्राएं दि‍खाई जाएंगी । छमाही रि‍पोर्ट प्रकाशक/स्‍वामी द्वारा और वार्षिक रि‍पोर्ट चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा प्रमाणि‍त की जाएगी । रि‍टर्न का नमूना प्रपत्र परि‍शि‍ष्‍ट‑IX में दि‍या गया है ।
4.5.2 समय पर रि‍टर्न दाखि‍ल न करने या गलत जानकारी देने पर समाचार पत्र अखबारी कागज के 
आयात के लि‍ए, पंजीयन प्रमाणपत्र के प्रमाणीकरण के लि‍ए अयोग्‍य हो जाएगा ।
जरूरी दस्‍तावेज इस प्रकार हैं :
(क) वर्ष‑‑‑‑‑‑‑‑के लि‍ए वार्षिक वि‍वरण की एक फोटोस्‍टेट प्रति‍ । दैनि‍क समाचारपत्रों के 
प्रकाशक परि‍शि‍ष्‍ट VIII में नि‍र्धारि‍त प्रपत्र पर दैनि‍क प्रेस का वि‍वरण भी भेज सकते हैं ।
(ख) दैनि‍कों के मामलों में दि‍नांक ‑‑‑‑‑‑‑‑के लि‍ए कैलेंडर वर्ष ‑‑‑‑‑‑‑‑‑‑‑‑‑‑‑‑‑‑‑‑‑के प्रत्‍येक
महीने के सात‑सात अंक और अन्‍य नि‍यतकालि‍क पत्रों के मामलें में सभी अकों का एक सैट । नवीनतम अंक की एक प्रति‍ भी भेजी जानी चाहि‍ए ।
(ग) मुद्रण मशीनों का वि‍वरण अर्थात् प्रत्‍येक मशीन का मेक,साइज,प्रति‍ घंटा गति आदि‍,मुद्रण 
सारणी(पृष्‍ठवार) तथा अन्‍य मुद्रण कार्यों का वि‍वरण ,यदि‍ हो तो, साथ ही प्रिंट आर्डरों,मुद्रण प्रभार के बि‍लों और ‑‑‑‑‑‑‑‑महीने के लि‍ए भुगतान के प्रमाण स्‍वरूप प्राप्‍तकर्ता की रसीदों की फोटोस्‍टेट प्रति‍यां ।
(घ) अखबारी कागज का वि‍वरण जि‍समें प्रथम दि‍वस का प्रारंभि‍क अधि‍शेष,वर्ष‑‑‑‑‑‑के 
दौरान खरीदी मात्रा, वर्ष के दौरान कुल खपत तथा आलोच्‍य वर्ष के अंति‍म दि‍न 
का अंति‍म अधि‍शेष ।
(ड.) आलोच्‍य वर्ष के लि‍ए कागज खरीदने के बि‍लों की फोटोस्‍टेट प्रति‍यां तथा साथ ही
भुगतान के प्रमाण स्‍वरूप प्राप्‍तकर्ता की रसीदों की प्रति‍यां ।
(च) आपूर्ति स्‍त्रोत से प्रकाशन स्‍थान तक अखबारी कागज की ढुलाई से सम्‍बन्‍धि‍त बि‍लों की 
फोटोस्‍टेट प्रति‍यां ।
(छ) एजेंट/हॉकर का नाम, स्‍टेशन,प्रेषि‍त प्रति‍यों की संख्‍या,प्रेषण माध्‍यम अर्थात् रेल,सड़क,डाक आदि‍, 
प्राप्‍त भुगतान ,की प्रति‍यों के वि‍तरण का ब्‍यौरा देने वाला एक वि‍वरण जि‍सके साथ‑‑‑‑‑‑महीने के लि‍ए एजेंसी बि‍लों,एजेंटों/हॉकरों को जारी भुगतान रसीदों,प्रेषण रसीदों आदि‍ की फोटोस्‍टेट प्रति‍यां 1
(ज) कैलेंडर वर्ष ‑‑‑‑‑‑‑के लि‍ए लाभ‑हानि‍ खाता । यदि‍ लाभ‑हानि‍ खाता वि‍त्‍तीय वर्ष आधार पर 
बनाया गया है, तो जनवरी से दि‍सम्‍बर‑‑‑‑‑‑‑तक माह‑वार बि‍क्री आय की प्रति‍यां प्रस्‍तुत की जानी चाहि‍ए, जि‍समें बेची गई प्रति‍यों की माह‑वार बि‍ल राशि‍ का उल्‍लेख हो । 
(झ) स्‍वामी की स्‍थायी आयकर संख्‍या, यदि‍ हो तो, लि‍खें ।
 टि‍प्‍पणी: कृपया ध्‍यान दें कि‍ दस्‍तावेजों की प्रति‍यां और उनकी फोटोस्‍टेट प्रति‍ राजपत्रि‍त अधि‍कारी द्वारासत्‍यापि‍त कराके भेजी जाएंगी । यदि‍ असत्‍यापि‍त प्रति‍यां प्राप्‍त होती हैं, तो उन पर वि‍चार नहीं कि‍या जाएगा



How to do Magazine Registration in India?

If you are looking at starting the business of publication of magazines, you are supposed to follow many norms and procedures as prescribed by the Government of India. Firstly, you will have to register the magazine that you propose to publish.
Here are the procedures to be followed:
1. Approach the Regional Magistrate court.
2. Prepare the application in the format as prescribed
3. Obtain R. Dis Number allotted by the magistrate court
4. Applying to Registrar of Newspapers for India (RNI), Delhi office for name availability through the magistrate court
5. It would take about 90 days of time for the RNI, Delhi office to approve the name as proposed.
6. Once the name is approved by Delhi office, then approach the magistrate court to get a date allotted for hearing (date can be allotted anytime between 1 to 4 months from the date of request)
7. Printer, Publisher & Editor are required to appear before the magistrate for taking oath.
8. Following Documents must be produced during the time of appearance;
•    Declaration copy which has to be filled by Printer, Publisher & Editor and to produce 3 copies each.
•    Address & Id proof of the Printer, Publisher & Editor.
•    Printing Press License copy of the Printer.
9. After this is done, there will be an approval to this effect from the Magistrate court.
10. Then, the magazine can be published.
11. The copies of the magazines have to be submitted to the RNI, Regional office for the final approval.
12. They will evaluate whether the magazine meets the criteria specified in the declaration.
13. Once they are satisfied, they will issue a RNI certificate.
14. Both the R. Dis Number and RNI Number have to be mentioned on each copy of the magazine.
For more clarifications, please contact us at info@cogzidel.inyayawer@gmail.com

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